https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 3. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 2: *कहानी*=========*✍️✍️*==========*बहू की भावना*==============*भाग -दो*=======

*कहानी*=========*✍️✍️*==========*बहू की भावना*==============*भाग -दो*=======

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

*कहानी*
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*बहू की भावना*
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*भाग -दो*
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अब बटा दफ्तर से आते ही बहू उसके साथ कमरे में बंद हो जाती। वही सास -ससुर, देवर, ननद जो उसकी तारीफ करते नही अघाते थे, उसके बारे में बुरा- भला कहने लगे। जिस उत्साह से बहू का स्वागत किया गया था, वह काफूर हो गया। सबकी निगाहों में इसके लिए बहू ही दोषी हो गयी, परन्तु असली दोषी कौन है? इस बात को समझने की कोशिश  किसी ने नही की।
ऐसा अक्सर होता है। बहू जब घर मे व्याह कर आती है तो पूरा परिवार उसे सर- माथे पर बिठाता है। बहू भी सबकी अपेक्षाओं पर खरी उतरने के लिए प्राण-प्रण से जुड़ जाती है। घरवालो को भी लगता है कि हमारी बहू तो लाखों में एक है। परन्तु अचानक सब कुछ बदल सा जाता है। बहू केवल बेटे की पत्नी बनकर रह जाती है। सभी उसे दोषी सिद्ध करने लगते है और वह पलट कर जबाब देने लगती है। बात यहाँ तक बढ़ जाती है कि सबका एक ही घर मे रहना मुश्किल हो जाता है। थोड़े समय ही दिनों में बेटा पत्नी के साथ अलग रहने लगता है। जो परिवार कुछ दिन पहले बहू के घर आने की खुशियो में गमक रहा होता है वह केवल बहू के आने की स्मृतियां भर शेष रह जाती हैं।

क्रमशः....
जय श्री कृष्ण....
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

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