https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 3. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 2: 10/11/20

😏 *घमंड से पतन की और* 😌

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

।। सुंदर कहानी ।।

😏 *घमंड से पतन की और* 😌


*कितना घमंड है आज के इंसान को।* 

*क्या समझता है खुद को ?* 

*आखिर किस बात का घमंड है इंसान को.?* 



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          *सुंदरता पर घमंड*

*एक मामूली दुर्घटना में दो मिनट में ही इंसान की सुंदरता गायब हो जाती है।* 

*वो रोगी बन जाता है।* 

*चमड़ी देखने लायक नहीं होती।*

           *बदन पर घमंड*

*जब इंसान को लकवा हो जाता है।* 

*तब वो खुद उठ नहीं सकता।* 

*हिल नहीं सकता।* 

*बार बार उसे सहारे की जरूरत पड़ती है।* 

*तब कहाँ जाता है उसका ये बदन।*

          *पैसे का घमंड*

*दो मिनट में इंसान का व्यापार ठप्प हो जाता है।* 

*पाई पाई का मोहताज बन जाता है।*



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           *औलाद का घमंड*

*बेटा हो या बेटी कब कोई ऐसा कदम उठा ले कि सारा अहंकार धरा का धरा रह जाए।*-

*कब घर छोड़कर चला  जाए।*

            *सत्ता का घमंड*

*सत्ता कभी भी पलट सकती है।* 

*आप किसी भी समय हीरो से जीरो हो सकते हो।* 

*आपके साथ चलने वाले।*

 *आपकी हाँ में हाँ मिलाने वाले दो ही पल में पलटी खायेगें।* 

*फिर सत्ता नहीं तो क्या करोगे।* 

*फिर भी इंसान को इतना घमण्ड क्यों?*

*इंसान क्या लेकर आया था क्या लेकर जाएगा।* 

*कुछ भी नहीं खाली हाथ ही जाएगा।*
            *कोई साथ नहीं जाएगा*

*एक सूई तक भी साथ नहीं जाएगी।* 

*बस जाता है नाम।* 

*आपका नाम ।* 

*आपका काम।* 

*आपके गुण।* 

*आपका प्यार।* 

*आपका अच्छा व्यवहार।*

 *और आपके अच्छे प्यारे बोल।*

 *छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना।*

 *छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना।*

 *छोड दें - दूसरों के धन से जलना।*

 *छोड दें - दूसरों की चुगली करना।*

 *छोड दें - दूसरों की सफलता पर इर्ष्या करना।*

*ये सब मिथ्या है!!*
                                                                   
*◆●स्वयं विचार करें​●◆*

नमस्ते  देवतानाथ नमस्ते गरुणध्वज
 शंखचक्रगदापाणे वासुदेव नमोऽस्तु ते।

नमस्ते निर्गुणानन्त अप्रतर्क्याय वेधसे
ज्ञानाज्ञान निरालम्ब सर्वालम्ब नमोऽस्तु ते।।

हे देवताओं के स्वामी! 

आपको नमस्कार है। 

गरुणध्वज! आपको प्रणाम है। 

शंख - चक्र - गदाधारी वासुदेव! आपको नमस्कार है। 

निर्गुण, अनन्त एवं अतर्कनीय विधाता! आपको नमस्कार है।

ज्ञानाज्ञानस्वरूप, स्वयं निराश्रय किन्तु सबके आश्रय! आपको नमस्कार है।'
      
  || विष्णु भगवान की जय हो ||


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शीशा और पत्थर संग संग रहे तो बात नही घबराने की.....!!

शर्त इतनी है कि बस दोनों ज़िद ना करे टकराने की.....!!

रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता, रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।

"दिमाग "से बनाये हुए "रिश्ते " बाजार तक चलते है,,,! 

और "दिल " से बनाये "रिश्ते " आखरी सांस तक चलते है,!!

जय श्री कृष्ण

एकदन्तं महाकायं तप्तकाञ्चनसन्निभम्
 लम्बोदरं  विशालाक्षं वन्देऽहं गणनायकम्।

मुञ्जकृष्णाजिनधरं   नागयज्ञोपवीतिनम् बालेन्दुकलिकामौलिं वन्देऽहं गणनायकम्।।

मैं विशालकाय, तपाये हुए  स्वर्ण- 
सदृश प्रकाशवाले, लम्बोदर, बड़ी - बड़ी आंखों वाले 
श्री एकदन्त गणनायक की वन्दना करता हूं।
जिन्होंने मौंजीमेखला, कृष्ण - मृगचर्म तथा नाग - यज्ञोपवीत धारण कर रखें हैं, 
जिनके मौलिदेश में बालचन्द्र सुशोभित हो रहा है, मैं उन गणनायक की वन्दना करता हूं।'

    || जय श्री गणेश देवा ||

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

महत्वपूर्ण एवं अत्यंत प्रभावशाली विचार

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

।। श्रीमददेवीभागवत प्रवचन ।।

एक महत्वपूर्ण एवं अत्यंत प्रभावशाली विचार -


अगर आप कोई भी मन्त्र जाप कर रहे हो या कोई भी आध्यात्मिक साधना कर रहे हो तो अपने समीप थोड़ा पीने वाला जल अवश्य रखे ।

और मन्त्र जाप होने के बाद उस जल का सेवन करे।  

जो मन्त्र आपने पढ़े है या जो साधना आपने की है ।

उनके पॉजिटिव एनर्जी को जल सोख लेता है।  

और उस जल को ग्रहण करने से आप उस शक्ति को अपने अंदर समाहित कर लेते हो।
  
हम सबने सुना होगा की ऋषि मुनि जब भी तपस्या या साधना करते थे तो उनके पास जल का कमंडल हमेशा रहता था । 

और वो उसी जल को किसी व्यक्ति को वरदान देने या शापित करने हेतु उपयोग करते थे।  

उनकी सारी तपोशक्ति उस जल में संरक्षित थी।  

और वो उसी जल को ग्रहण भी करते थे।  

ये बात विज्ञानं में भी साबित है की जल में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी है ।

जो अपने औरा में होने वाले विब्रेशन्स को आकर्षित करती है।  

अगर सामान्य भाषा में बोले तो जल आपकी बात सुनता है ।

अगर आप अच्छा बोलोगे तो अच्छा सुनेगा बुरा बोलोगे तो बुरा सुनेगा।  

इसलिए अगर आप कोई मन्त्र करके उसके जल को किसी अन्य व्यक्ति को ग्रहण करने को दे ।

तो उसका प्रभाव उस पर भी पड़ता है।  

इसी प्रकार अभिमंत्रित जल काम करता है।  

आपने ये भी देखा होगा की ज्यादातर मंदिर और कुंड नदियों के तट पर बनाये गए है। 


हमारे धर्म में इस बात का ज्ञान बहुत पहले से ही था।  

जब मंदिरो में मंत्रो । 

श्लोको का उच्चारण होता है ।

पूजा होती है तो उसकी ऊर्जा और शक्ति उन नदियों के जल में समाहित होती है और उसी जल को हम सब ग्रहण करके धन्य होते है।  

अपनी साधना को और प्रभावशाली बनाइये और दूसरो को भी लाभ दिलवाइये।  

|| संत और बसंत में, एक ही समानता है ||

जब बसंत आता है ,तो प्रकृति सुधर जाती है
 और संत आते है ,तो संस्कृति सुधर जाती है।
 
आयुः श्रियं यशो धर्मं लोकानाशिष एव च।
   हन्ति श्रेयांसि सर्वाणि पुंसो महदतिक्रमः।।

( 1- ) भावार्थ :- 

बडों का अपमान,देवताओं का अनादर, तथा गुरूजनों का तिरस्कार करने वाले मनुष्य के आयु संपत्ति, यश ,धर्म ,लोगों की शुभ कामना, इह लोक, परलोक यानि कि जो भी कल्याण कारी उत्तम मार्ग या प्राप्य चीजें हैं....!

वो सारी की सारी नष्ट हो जातीं हैं और वह अधो गति को चला जाता है।

गुरू और भगवान शंकर

( 2- ) हर गुरु नींदक  दादुर होई,
         जन्म सहस्र पाव तन सोई। 

भावार्थ :- 

कहते श्री भगवान शंकरजी और श्री गुरु महाराज की निंदा करने वाला  मनुष्य  (अगले जन्म में ) मेंढक होता है। 

और वह हजार जन्म तक वही शरीर पाता है।

( 3- ) पूर्णे तटाके तृषितः सदैव
           भूतेऽपि गेहे क्षुधितः स मूढः ।

कल्पद्रुमे सत्यपि वै दरिद्रः
  गुर्वादियोगेऽपि हि यः प्रमादी ॥

भावार्थ:-

जो इन्सान गुरु मिलने के बावजुद प्रमादी रहे....! 

वह मूर्ख पानी से भरे हुए सरोवर के पास होते हुए भी प्यासा....! 

घर में अनाज होते हुए भी भूखा,और कल्पवृक्ष के पास रहते हुए भी दरिद्र है ।

इस लिए मनुष्य को यत्न पूर्वक बडों का सम्मान माता पिता की सेवा और गुरूदेव का आदर और  देवताओं की आराधना करते रहना चाहिए।

   >जय माताजी!!!

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
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सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
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जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

रामेश्वर कुण्ड

 || रामेश्वर कुण्ड || रामेश्वर कुण्ड एक समय श्री कृष्ण इसी कुण्ड के उत्तरी तट पर गोपियों के साथ वृक्षों की छाया में बैठकर श्रीराधिका के साथ ...