सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। श्रीरामचरितमानस प्रवर्चन ।।
*राम बिमुख संपति प्रभुताई।*
*जाइ रही पाई बिनु पाई॥*
*सजल मूल जिन्ह सरितन्ह नाहीं।*
*बरषि गएँ पुनि तबहिं सुखाहीं।।*
रामचरित मानस : सुन्दर काण्ड।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने अधर्म से प्राप्त ऐश्वर्य की भर्त्सना करते हुए लिखा है कि बिना धर्म की संपत्ति और प्रभुता रही हुई भी चली जाती है और उसका पाना, न पाने के सामान है। जिस प्रकार जिन नदियों के मूल में कोई जलस्रोत नहीं है, अर्थात् जिन्हें केवल बरसात ही आसरा है, वे वर्षा बीत जाने पर तुरंत ही सूख जाती हैं।
शुभ दिन हो।
🙏🙏🙏【【【【【{{{{ (((( मेरा पोस्ट पर होने वाली ऐडवताइस के ऊपर होने वाली इनकम का 50 % के आसपास का भाग पशु पक्षी ओर जनकल्याण धार्मिक कार्यो में किया जाता है.... जय जय परशुरामजी ))))) }}}}}】】】】】🙏🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏
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