सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। सुंदर कहानी ।।
😏 *घमंड से पतन की और* 😌
*कितना घमंड है आज के इंसान को।*
*क्या समझता है खुद को ?*
*आखिर किस बात का घमंड है इंसान को.?*
*सुंदरता पर घमंड*
*एक मामूली दुर्घटना में दो मिनट में ही इंसान की सुंदरता गायब हो जाती है।*
*वो रोगी बन जाता है।*
*चमड़ी देखने लायक नहीं होती।*
*बदन पर घमंड*
*जब इंसान को लकवा हो जाता है।*
*तब वो खुद उठ नहीं सकता।*
*हिल नहीं सकता।*
*बार बार उसे सहारे की जरूरत पड़ती है।*
*तब कहाँ जाता है उसका ये बदन।*
*पैसे का घमंड*
*दो मिनट में इंसान का व्यापार ठप्प हो जाता है।*
*पाई पाई का मोहताज बन जाता है।*
*औलाद का घमंड*
*बेटा हो या बेटी कब कोई ऐसा कदम उठा ले कि सारा अहंकार धरा का धरा रह जाए।*-
*कब घर छोड़कर चला जाए।*
*सत्ता का घमंड*
*सत्ता कभी भी पलट सकती है।*
*आप किसी भी समय हीरो से जीरो हो सकते हो।*
*आपके साथ चलने वाले।*
*आपकी हाँ में हाँ मिलाने वाले दो ही पल में पलटी खायेगें।*
*फिर सत्ता नहीं तो क्या करोगे।*
*फिर भी इंसान को इतना घमण्ड क्यों?*
*इंसान क्या लेकर आया था क्या लेकर जाएगा।*
*कुछ भी नहीं खाली हाथ ही जाएगा।*
*कोई साथ नहीं जाएगा*
*एक सूई तक भी साथ नहीं जाएगी।*
*बस जाता है नाम।*
*आपका नाम ।*
*आपका काम।*
*आपके गुण।*
*आपका प्यार।*
*आपका अच्छा व्यवहार।*
*और आपके अच्छे प्यारे बोल।*
*छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना।*
*छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना।*
*छोड दें - दूसरों के धन से जलना।*
*छोड दें - दूसरों की चुगली करना।*
*छोड दें - दूसरों की सफलता पर इर्ष्या करना।*
*ये सब मिथ्या है!!*
*◆●स्वयं विचार करें●◆*
नमस्ते देवतानाथ नमस्ते गरुणध्वज
शंखचक्रगदापाणे वासुदेव नमोऽस्तु ते।
नमस्ते निर्गुणानन्त अप्रतर्क्याय वेधसे
ज्ञानाज्ञान निरालम्ब सर्वालम्ब नमोऽस्तु ते।।
हे देवताओं के स्वामी!
आपको नमस्कार है।
गरुणध्वज! आपको प्रणाम है।
शंख - चक्र - गदाधारी वासुदेव! आपको नमस्कार है।
निर्गुण, अनन्त एवं अतर्कनीय विधाता! आपको नमस्कार है।
ज्ञानाज्ञानस्वरूप, स्वयं निराश्रय किन्तु सबके आश्रय! आपको नमस्कार है।'
|| विष्णु भगवान की जय हो ||
शीशा और पत्थर संग संग रहे तो बात नही घबराने की.....!!
शर्त इतनी है कि बस दोनों ज़िद ना करे टकराने की.....!!
रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता, रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।
"दिमाग "से बनाये हुए "रिश्ते " बाजार तक चलते है,,,!
और "दिल " से बनाये "रिश्ते " आखरी सांस तक चलते है,!!
जय श्री कृष्ण
एकदन्तं महाकायं तप्तकाञ्चनसन्निभम्
लम्बोदरं विशालाक्षं वन्देऽहं गणनायकम्।
मुञ्जकृष्णाजिनधरं नागयज्ञोपवीतिनम् बालेन्दुकलिकामौलिं वन्देऽहं गणनायकम्।।
मैं विशालकाय, तपाये हुए स्वर्ण-
सदृश प्रकाशवाले, लम्बोदर, बड़ी - बड़ी आंखों वाले
श्री एकदन्त गणनायक की वन्दना करता हूं।
जिन्होंने मौंजीमेखला, कृष्ण - मृगचर्म तथा नाग - यज्ञोपवीत धारण कर रखें हैं,
जिनके मौलिदेश में बालचन्द्र सुशोभित हो रहा है, मैं उन गणनायक की वन्दना करता हूं।'
|| जय श्री गणेश देवा ||
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏