https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 3. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 2: 🌾🌿जय श्री हरि जय श्री राम जी🌾🌿 🌷जासु नाम बल संकर कासी। 🌷देत सबहि सम गति अबिनासी।।

🌾🌿जय श्री हरि जय श्री राम जी🌾🌿 🌷जासु नाम बल संकर कासी। 🌷देत सबहि सम गति अबिनासी।।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ....
जय द्वारकाधीश...!

🌾🌿जय श्री हरि जय श्री राम जी🌾🌿

 🌷जासु नाम बल संकर कासी।
 🌷देत सबहि सम गति अबिनासी।। 

✍🏿....भगवन्नाम के बल से शंकर जी काशी में मरने वालों को मुक्ति देते ही रहते हैं। 

🌾‘कासी मरत जन्तु अवलोकी। 
 🌿जासु नाम बल करउँ बिसोकी।।

✍🏿..... काशी में मरते हुए जीव को यदि मैं देख लेता हूँ तो  - हे पार्वती! उन परम प्रभु के नाम अर्थात् ओम् के बल से मैं उसे अविनाशी पद प्रदान कर देता हूँ। इसलिए शंकर जी की शरण में जो कोई आया, जैसे– कागभुशुण्डि, उन सबको भगवान की भक्ति प्रदान कर दिया। पहले तो उन्हें श्राप दिया कि गुरु महाराज आये, तू बैठा रह गया! कागभुशुण्डि के गुरु महाराज ने बीच-बचाव किया कि इस गरीब का तो कोई दोष ही नहीं है–

🌿तव माया बस जीव जड़, संतत फिरइ भुलान।
🌾तेहि पर क्रोध न करिअ प्रभु, कृपा सिंधु भगवान।।

🌹प्रभो! यह तो जीव है, जड़ है, आपकी माया से विवश होकर भूला भटक रहा है। जैसे आपकी माया ने नचाया, वैसे ही नाच रहा है बेचारा! जब आपकी कृपादृष्टि पड़ ही गयी है तो इसका परम कल्याण कर डालें। भगवान शिव ने कहा– यह दुष्ट इसी लायक था। गुरु महाराज की साधुता देख भगवान शिव ने उसे क्षमा किया, आशीर्वाद भी दिया–

  🌿पुरी प्रभाव अनुग्रह मोरें।
 🌾राम भगति उपजिहि उर तोरें।। 

.....एक तो अवधपुरी में तुम्हारा जन्म हुआ उसका प्रभाव; मेरी सेवा की है उसके अनुग्रह से तुम्हारे हृदय में रामभक्ति का उदय होगा। उन्होंने मुक्ति नहीं दिया, राम की भक्ति दे दिया–
🌿सिव सेवा कर फल सुत सोई। 
🌿अबिरल भगति राम पद होई।। 

✍🏿....शिवसेवा का फल है भगवान राम की अविरल भक्ति, जो एक बार जागृत होने पर स्थिति प्राप्त कराकर ही दम लेती है। बीच में कोई रुकावट नहीं, कहीं व्यवधान नहीं।

🌾बिनु छल विस्वनाथ पद नेहू। 
🌾राम भगत कर लच्छन एहू।। 

✍🏿.....बिना छल-कपट के विश्व के नाथ शिव के चरणों में प्रीति रामभक्त के लक्षण हैं। भक्ति करे शंकर जी की, पा जायें राम को! भोजन आप करें, पेट हमारा भर जाय! वास्तव में ऐसा ही है; क्योंकि शंकर आदि सद्गुरु थे, योगेश्वर थे।

🌷जेहि पर कृपा न करहिं पुरारी। 
🌷सो न पाव मुनि भगति हमारी।। 
🌿सत्, रज और तम– इन तीनों पुरों का अन्त करने वाले त्रिपुरारी भोलेनाथ शिव जिस पर कृपा न करें कोई भगवान की भक्ति नहीं पा सकता, यह भगवान स्वयं कह रहे हैं। 

🌾‘संकर भजन बिना नर, भगति न पावइ मोरि।’ 🌾

.✍🏿... भगवान राम बार-बार इस पर बल दे रहे हैं कि भगवान शिव में समर्पण के बिना कोई भक्ति प्राप्त नहीं कर सकता। साधना के आरम्भ में जब तक राम-नाम हृदय से जागृत नहीं हो जाता, तब तक हम-आप कोई भी नाम जप सकते हैं, उसके पश्चात् आपको ओम् या राम ही चुनना होगा। आदि शास्त्र गीता में ओम् जपने का निर्देश है, वैदिक ऋषि भी ओम् जपते थे। ओ माने वह अविनाशी, अहं अर्थात् मैं स्वयं! वह भगवान जो आपके हृदय-देश में निवास करते हैं।

       🌿🌷 हर हर भोले नमः शिवाय🌷🌿
 🌹🙏 जय श्री कृष्ण वंदन अभिनंदन मित्रों🙏🌹
    🌲शुभ एवं मंगलमय हो  🌲
आपकी और आपके परिवारजनों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों, भगवान श्री भोलेनाथ जी से यही मेरी कामना है. !!!  ऊँ नमः पार्वती पत्यै हर हर महादेव !!!
🙏🙏🙏【【【【【{{{{ (((( मेरा पोस्ट पर होने वाली ऐडवताइस के ऊपर होने वाली इनकम का 50 % के आसपास का भाग पशु पक्षी ओर जनकल्याण धार्मिक कार्यो में किया जाता है.... जय जय परशुरामजी ))))) }}}}}】】】】】🙏🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

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