https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 3. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 2: *"हिम्मत"*🙏🏻🚩🌹 👁❗👁 🌹🚩🙏🏻विपुल लगभग एक माह से तेज ज्वर से पीड़ित था।

*"हिम्मत"*🙏🏻🚩🌹 👁❗👁 🌹🚩🙏🏻विपुल लगभग एक माह से तेज ज्वर से पीड़ित था।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

*"हिम्मत"*

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विपुल लगभग एक माह से तेज ज्वर से पीड़ित था। वह इतना कमजोर हो चुका था कि बिना किसी सहारे के उठ भी नहीं पाता था। आज रात वह बहुत बैचेनी महसूस करते हुए कराह रहा था। उसकी यह हालत देखकर उसकी माँ उसके पास आयी और उसके माथे पर हाथ रखकर महसूस कि हिदायत दी।

विपुल दवा पीकर बड़बडाने लगा कि माँ, तुम मेरे लिए इतने दिनों से कितना कष्ट उठाकर मेरी सेवा, सुश्रुषा कर रहीया कि उसे बुखार बहुत तेज है। उसने विपुल को दवा पिलायी और आराम करने की हो, मुझे ऐसा महसूस होता है कि मेरा जीवन का समय पूरा हो चुका है और तुमसे बिछुड़ने का समय नज़दीक आता जा रहा है। माँ ने उसकी बात सुनकर उसके माथे पर हाथ रखकर समझाया कि जब तक साँस है जीवन में आस है। विपुल बोला, मैं सभी आशाएँ छोड़ चुका हूँ, आज की रात मुझे गहरी नींद में सोने दो, मैं कल का सूरज देख पाता हूँ या नहीं, ये नहीं जानता हूँ। मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मेरी आत्मा के द्वार पर चाँद का दूधिया प्रकाश दस्तक दे रहा है। मैं अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान कर रहा हूँ। मुझे भूत, वर्तमान और भविष्य के अहसास के साथ पाप और पुण्य का हिसाब भी दिख रहा है। मैंने धर्म से जो कर्म किये हैं वे ही मेरे साथ जाएँगे, माँ तू ही बता यह मेरा प्रारंभ से अंत है या अंत से प्रारंभ ?

विपुल की करूणामय बातें सुनकर माँ का मन भी विचलित हो गया, उसने अपनी आँखों में आए, आँसुओं के सैलाब को रोकते हुए अपने बेटे से कहा कि देखो तुम हिम्मत मत हारना, यही तुम्हारा सच्चा मित्र है। सुख-दुख में सही राह दिखलाता है और विपरीत परिस्थितियों में भी तुम्हारा साथ निभाकर तुम्हें शक्ति देकर तुम्हारे हाथों को थामे रहता है, डॉक्टर साहब ने तुम्हारा रोग पहचान लिया है और उन्होंने दवाईयाँ भी बदल दी हैं। जिनके प्रभाव से तुम कुछ ही दिनों में ठीक हो जाओगे। आज में तुम्हें एक कविता सुना रही हूँ जिसे तुम ध्यान से सुनकर इसपर गंभीरतापूर्वक मनन करना।
भंवर में, मंझधार में, ऊँची लहर में

नाव बढ़ती जा रही है।

दुखों से, कठिनाइयों से

जूझकर भी सांस चलती जा रही है।

स्वयं पर विश्वास जिसमें

जो परिश्रमरत रहा है

लक्ष्य पर थी दृष्टि जिसकी

और संघर्षों में जो अविचल रहा है

वह सफल है

और जिसका डिग गया विश्वास

वह निश्चित मरा है।

विपुल पर माँ की बातों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। और उसके अंदर असीमित ऊर्जा, दृढ़ इच्छा शक्ति व आत्म विश्वास जागृत हो गया। 

यह ईश्वरीय कृपा थी, माँ का आर्शीवाद, स्नेह एवं प्यार था या विपुल का भाग्य कि वह कुछ दिनों में ही ठीक हो गया। आज वह पुनः ऑफिस जा रहा था। उसकी माँ उसे दरवाजे तक विदा करने आयी, उसका बैग उसे दिया और मुस्कुरा कर आँखों से ओझल होने तक उसे देखती रही।

   🌹🙏🏻🚩 *जय सियाराम* 🚩🙏🏻🌹
      🚩🙏🏻 *जय श्री महाकाल* 🙏🏻🚩
    🌹🙏🏻 *जय श्री पेड़ा हनुमान* 🙏🏻🌹
🚩🚩🚩जय श्री कृष्ण🚩🚩🚩
🌹🌹🌹जय श्री कृष्ण🌹🌹🌹
🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय श्री कृष्ण🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏【【【【【{{{{ (((( मेरा पोस्ट पर होने वाली ऐडवताइस के ऊपर होने वाली इनकम का 50 % के आसपास का भाग पशु पक्षी ओर जनकल्याण धार्मिक कार्यो में किया जाता है.... जय जय परशुरामजी ))))) }}}}}】】】】】🙏🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

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