सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
*_पितृपक्ष में भूलकर भी ना करें ये गलतियां, पितरों की आत्मा हो जाती है नाराज_*
1 पितृपक्ष में सनातन धर्म के लोग अपने पितरों की पूजा-अर्चना और पिंडदान करते हैं। इस बार पितृपक्ष 2 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 17 सितंबर तक चलेंगे। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण किए जाते हैं। इसलिए इस पूजा को विधि-पूर्वक किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पिंडदान की पूजा में किसी भी तरह की लापरवाही से पितर नाराज हो जाते हैं। इसलिए इसको करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है। धयान रखे कि पितृपक्ष के दौरान आपको कौन सी चीजें ध्यान में रखनी चाहिए, जिससे आपकी पूजा बिना किसी गलती के पूरी हो सके…
2. ऐसे बर्तनों का ना करें प्रयोग
श्राद्ध कर्म के दौरान भूलकर भी लोहे के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, पितृपक्ष में लोहे के बर्तन के प्रयोग करने से परिवार पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। इसलिए पितृपक्ष में लोहे के अलावा तांबा, पीतल या अन्य धातु से बनें बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
3. न करें इनका प्रयोग
पितृपक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म कर रहे हैं तो उस दिन शरीर पर तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए और ना ही पान खाना चाहिए। इसके साथ ही दूसरे के घर का खाना पितृपक्ष में वर्जित बताया है और इत्र का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
4 न करें शुभ कार्य शुरू
पितृपक्ष (Pitru Paksha) में पूर्वजों को याद किया जाता है और उनकी आत्मा की शुद्धि के लिए पूजा की जाती है। इसलिए इस दौरान परिवार में एकतरह से शोकाकुल माहौल रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, साथ ही नई वस्तु की खरीदारी करना भी अशुभ माना गया है।
5 नहीं करना चाहिए इनका अपमान
पितृपक्ष के दौरान भिखारी या फिर किसी अन्य व्यक्ति को बिना भोजन कराएं नहीं जाने देना चाहिए। इसके साथ ही पशु-पक्षी जैसे कुत्ते, बिल्ली, कौवा आदि का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता के अनुसरा, पूर्वज इस दौरान किसी भी रूप में आपके घर पधार सकते हैं।
6 पुरुष ध्यान रखें यह चीज
पितृपक्ष में जो पुरुष अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म करते हैं, उन्हें दाढ़ी और बाल नहीं कटवाना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान दाढ़ी और बाल कटवाने से धन की हानि होती है क्योंकि यह शोक का समय माना जाता है।
7 पितरों के लिए ऐसा भोजन उत्तम
पितृपक्ष में घर पर बनाए गए सात्विक भोजन से ही पितरों को भोग लगाना उत्तम माना गया है। अगर आपको अपने पूर्वज की मृत्यु तिथि याद है तो उस दिन पिंडदान भी करना चाहिए। अन्यथा पितृपक्ष के आखिरी दिन भी पिंडदान अथवा तर्पण विधि से पूजा कर सकते हैं।
जय श्री कृष्ण...!!!!
🙏🙏🙏【【【【【{{{{ (((( मेरा पोस्ट पर होने वाली ऐडवताइस के ऊपर होने वाली इनकम का 50 % के आसपास का भाग पशु पक्षी ओर जनकल्याण धार्मिक कार्यो में किया जाता है.... जय जय परशुरामजी ))))) }}}}}】】】】】🙏🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
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